हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ / हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) की शहादत के अवसर पर, तंज़ीमुल मकातिब के छात्रों और सेवकों ने बानी ए तंज़ीमुल मकातिब हॉल, गोला गंज लखनऊ में तीन दिवसीय शोक सभा का आयोजन किया। मौलवी एजाज हुसैन कश्मीरी ने पवित्र कुरान का पाठ किया, उसके बाद मौलवी अहमद रजा, मौलवी शाह रजा और मौलवी जफर अब्बास और मौलवी हसन हैदर ने निर्देशक की भूमीका निभाई।
मजलिस को संबोधित करते हुए, मौलाना फ़िरोज़ अब्बास मुबारकपुरी, तंज़ीमुल मकातिब के संयुक्त सचिव ने फातिमा ज़हरा की जीवनी सुनाई। मौलाना फ़िरोज़ अब्बास ने कहा कि जिस तरह पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) की सीरत पूरे संसार के पुरुषों के लिए एक आदर्श है, उसी तरह फातिमा ज़हरा (स.अ.) की सीरत पूरे संसार की महिलओ के लिए आर्दश है।
इसी सिलसिले की दूसरी मजलिस 6 जनवरी को शाम 7 बजे हुई जिसकी शुरुआत मौलवी मुहम्मद तकी जाफरी ने पवित्र कुरान के पाठ से की। मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना ज़मीरुल हसन ने कहा मानवता की दुनिया मे जनाबे जहरा (स.अ.) का व्यक्तित्व ऐसा है जो सभी पैंगबरो की जरूर है जो उम्मत की हिदायत के लिए नियुक्त किए गए थे
मौलाना ज़मीरुल हसन ने कहा कि फातिमा ज़हरा की जीवनी प्रभाव दुनिया के हर कोने में हर घर में प्रसारित किया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि ज़हरा की सीरत हर घर मे पहुचाना हमारी जिम्मेदारी है ताकि हर घर मे जहरा की सीरत की सुगंध पहुँच जाए।